फोन से आमंत्रण देने की सामान्य रूपरेखा
1) सहज माहोल बनाइए. सामान्य बातचीत से शुरू कीजिए.
2) अपने फोन करने का कारण बताइए.
3). अपने हावभाव को ऊँचा बनाए रखिए.
4) उनकी दिलचस्पी को जॉचिए.
5) मुलाकात का समय निश्चित कीजिए.
1) . सहज माहौल बनाइए
विजनेस से संबंधित किसी भी बात को कहने से पहले, फोन पर सामान्य बातचीत से शुरूआत की जाती है. आप जिसे भी फोन करें, पहले उससे अपने रिश्तों के आधार पर बातचीत शुरू कीजिए. अगर वह व्यक्ति आपका दोस्त या रिश्तेदार है, तव आप उनसे सामान्य ढंग से ही बातचीत शुरू कीजिए, जिस तरह से आप हमेशा करते हैं. अगर उस व्यक्ति से अभी हाल ही में आपका परिचय हुआ है, तब आप उसे अपनी मुलाकात की। याद दिलाइए. वो व्यक्ति कौन हैं, यह बात मायने नहीं रखती, अधिक देर तक गपशप करना उचित नहीं . जितनी जल्दी हो सके अपने विषय पर आ जाइए. हमेशा अपनी बात शुरू करने से पहले उनसे यह पूछ लीजिए, कि उन्हें कुछ देर आपसे बात करने में कोई एहतराज तो नहीं, उनके पास समय तो है और सम्भव हो, तो उन्हें समय देने के लिए धन्यवाद दीजिए.
उदाहरण :
★ दोस्त या रिश्तेदार
“हाय राज, मैं बोल रहा हूँ . क्या चल रहा है आजकल ? तुम्हारे (परिवार, पत्नी, बच्चे, कारोबार) सब कैसे है ?"
★ नए परिचित या जिनसे कभी मुलाकात हुई हो:
“हेलो राज जी. में... बोल रहा हूँ .हम लोग... में मिले थे. क्या कर रहे हैं आजकल ? क्या में दो मिनट आपसे बात कर सकता हूँ? आपकोबताना चाहता हूँ कि मैंने किस लिए फोन किया हैं। जब में आपमें मिला था, तो में आपके व्यवहार से काफी प्रभावित हुआ था. मुझे लगा किआप एक महत्वकांक्षी व्यक्ति हैं और तरक्की करना चाहते हैं. कहीं में गलत तो नहीं कह रहा?"
★ किसी दोस्त के दोस्त से जिससे आप पहले कभी नहीं मिले :
"राजा जी, मेरा नाम ....है. हम लोग एक दुसरे से कभी मिले नहीं हैं, लेकिन राम हम दोनों का ही दोस्त है. उसी ने मुझे बताया है। कि आप दोनों साथ में गोल्फ खेलते हैं... (एक ही क्लब में मेवर हैं, स्कूल में सहपाठी थे, साथ काम किया करते थे, इत्यादि.. मन फोन इसलिए किया था कि......"
2. अपने फोन करने का कारण बताएँ
आपको चाहिए कि जितनी जल्दी हो सके अपनी सामान्य बातचीत या हालचाल पूछने के तुरंत बाद, अपने मुख्य विषय पर आ जाइए. कहने का अर्थ यही है, आप उन्हें यह बताना चाहते हैं, कि आप अपना विज़नेस बढ़ाने जा रहे हैं. इस बात का हमेशा ख्याल रखिए, कि अपने
बिज़नेस से संबंधित ज्यादा वाते फोन पर कभी मत कीजिए. याद रखिए, कि किसी भी व्यक्ति को विजनेस प्लान देखने के लिए पोत्साहित करने का सबसे बढ़िया तरीका यही है, कि एक जिज्ञासा पैदा की जाए. यह जिज्ञासा कई तरीकों से पैदा की जा सकती है. आप वही तरीका इस्तेमाल कीजिए। जो आपको सहज लगता हो . ज़ाहिर है, कि यह तरीका उस व्यक्ति पर भी निर्भर करता है, जिससे आप बात कर रहे हैं. यहाँ काठ उदाहरण दिया जा रहे हैं:
> दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ
★"राज, एक विज़नेस कन्सेप्ट को देखकर में हैरान हूं. हमें मिलकर इस विषय में बात करनी चाहिए. अगले सप्ताह तम्हारे क्या कार्यक्रम हैं? क्या हम .. या .. को मिल सकते हैं?
★"राजा, में एक नया विज़नेस शुरू करने जा रहा हूँ और मुझे तुम्हारी सलाह की जरूरत है. इसके लिए कव मिलना बेहतर होगा ?"
★"राज, में एक नए विजनेस की जानकारी लेने जा रहा हैं. तम्हारी सलाह मेरे लिए हमेशा ही महत्त्वपूर्ण होती हैं, मुझे इस विषय में भीतु म्हारी सलाह की ज़रूरत है. तुमसे कव मिल सकता हूँ, ताकि मैं तुम्हें इस बिजनेस का विवरण देकर सलाह ले सकें?"
★"राज, क्या तुमने कभी विट वल्र्ड वाइड इंडिया के बारे में सुना है (जबाव के लिए इंतजार कीजिए। इसका काम वहत से देशों में चल रहा है. मुझे तो यह विजनेस एकदम वढिया लगा और में कछ खास लोगों के साथ इस विजनेस को बढ़ाने की सोच रहा था, कि तभी मुझे
तुरंत तुम्हारा खयाल आया राज."
> दोस्त या रिश्तेदार जिनसे आपने इस बिज़नेस का ज़िक्र किया है:
"राज, तम्हें याद है मने तम्हें बताया था कि में एक नए विजनेस की जानकारी ले रहा हूँ ? खर, मैने उसे अच्छी तरह से जांचापरखा है.इसकी हर बात वढिया दिखायी दे रही है. इसमें लाभ कमाने के वतिया अवसर है, में तो इस शुरू करने जा रहा हैं. राज, मुझे लगता है, कि तुम भी ऐसे मौके को छोड़ना नहीं चाहोगे . तुम चाहो तो में इसमें तुम्हारी मदद कर सकता हूं."
■ परिचित लोग :
"राज, मैंने कुछ सफल लोगों के साथ मिलकर, एक नया विज़नेस शुरू किया है. हमारा विज़नेस तेज़ी से तरक्की कर रहा है और अव हमें कुछ काविल लोगों की जरूरत है. मुझे तुम्हारा ध्यान आया, तुम्हारा व्यक्तित्व अच्छा है और तुम होशियार भी हो . मुझे लगता है कि तुम्हारी खूवियों का इस विज़नेस में बेहतर उपयोग होगा और तुम हमारे इस प्रोग्राम के लिए विल्कुल फिट हो. इसलिए मैंने तुम्हारे बारे में सवसे बात की है और वो सभी तुमसे मिलकर बात करना चाहते हैं, तो फिर ..."
■ सामान्य परिचय या नए परिचित लोग :
राज जी, हालाँकि मैं अंधेरे में तीर चला रहा हूँ, क्योंकि हम काफी कम समय के लिए मिले थे . वैसे मैं आपके बारे में ज्यादा तो नहीं जानता, लेकिन मैं आपसे पहली ही मुलाकात में काफी प्रभावित हुआ था. मुझे आपका नज़रिया पसंद आया. (यदि ऐसी कोई बात याद हो तो उसका उल्लेख कीजिए). राज जी, मैंने शायद आपसे ज़िक्र भी किया था, कि मेरा अपना का एक विज़नेस है . (या, मैं कुछ सफल लोगों के साथ मिलकर एक विजनेस कर रहा है. इस विज़नेस को और आगे बढ़ाने के लिए हमें कुछ काविल व्यक्तियों की जरूरत है) (उसकी प्रतिक्रिया जानने के लिए थोड़ा रूकिए) "वैर... इस सिलसिले में हम कुछ लोगों से संपर्क कर रहे थे, कि अचानक मुझे आपका खयाल आया. मैंने इस बारे में सबसे बात की है, कि आप हमारे इस प्रोग्राम के लिए पूरी तरह से फिट हैं."
■ डाउनलाइन के लिए उसके प्रॉस्पेक्ट से बात करना :
"हैलो, मैं ... बोल रहा हूँ. देखिए, हमारी कभी मुलाकात तो नहीं हुई हैं, लेकिन रान हम दोनों का सांझा मित्र है. राज ने बताया था, कि आप और वो एक ही स्कूल में थे (क्लव, कॉलेज, संस्था आदि... "वास्तव में ... मैने फोन इसलिए किया है, कि में और राज मिलकर एक विज़नेस कर रहे हैं और हम अपना बिज़नेस फैलाना चाहते हैं. हमें विजनेस पार्टनर के रूप में कुछ काविल व्यक्तियों की जरूरत है. राज ने मुझे आपका नाम सुझाया, क्योंकि उसे लगता है, कि आप इग पार्टनशिप के लिए। सदगे उपयुक्त सावित होंगे."
.....राज और में, एक सफल व्यापारी ग्रुप के साथ मिलकर, हम भारत में और बाहर के देशों में भी एक बिजनेस कर रहे हैं. हमारे विजनेस में कई चीजों की मार्केटिंग होती है. हम इस शहर में इस बिजनेस को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. इसके लिए हमें कुछ खास लोगों की तलाश है, जो हमारी ही तरह साथ मिलकर काम कर सकें. राज का कहना है, कि आप एक काविल, तेज और बहुत ही समझादार इसान है।उसको लगता है, कि आप हमारी इस टीम के लिए बेहतर साबित होंगे..."
.....राज और में दोनों एक सफल व्यापारिक समूह के साथ जुड़े हैं. हम लोग एक इंटरक्टिव डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम में काम करते हैं. हम इस काम को और आगे बढ़ाना चाहते हैं. इस सिलसिले में हमें एक खास व्यक्ति की ज़रूरत है, जो हमारी ही तरह जुड़कर इस शहर में इस विज़नेस को सम्भाल सके . तब राज ने आपके नाम का सुझाव दिया और आपको फोन करने के लिए काफी जोर दिया. इसलिए मैं आपसे बात कर रहा हूँ, क्या आप ..?"
3). अपने हावभाव को ऊँचा बनाए रखिए.
इस तमाम बातचीत के दौरान उन्हें कहीं से भी ऐसा नहीं लगना चाहिए, कि आपको उनकी बहुत ज़रूरत है या आप कर्मचारियों की तलाश में हैं , नीचे दी गयी बातों का आमंत्रण के समय प्रयोग करके, आप पॉम्पेक्ट के मन पर मही पभाव पैदा कर सकते हैं.
"राज जी, मैं अभी आपस कोई वादा नहीं कर सकता . हम जुड़ पाएंगे या नहीं ? जव तक हम लोग वैठकर, इस बारे में बात न कर लें और इस टीक से समझ न ले, तब तक इस संबंध में निर्णय पर पहुँचने का कोई गग्ना नहीं."
में दावे के साथ नहीं कह सकता, कि वह विज़नेस आपके लिए है या नहीं, क्योंकि..."
"..में अभी ही आपसे मिला हूँ."
“..हम अभी ठीक से मिले भी तो नहीं हैं."
"..एकता की भावना हमारी टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और मुझे पता नहीं है, कि हम लोग एक साथ काम कर पाएंगे या नहीं."
".. हम दोनों के लिए, हमारी पहली मुलाकात जाँचपड़ताल तक ही सीमित है."
"राज जी, हम इस समय वहुत से लोगों से बातचीत कर रहे हैं. हम उन में से कुछ ही लोगों को अपने साथ काम करने के लिए चुनेंगे . इसलिए यह मिटिग हम दोनों के लिए केवल परिक्षण तक ही सीमित है."
"राज जी, मुझे स्पष्ट करने दिजिए, इस समय पर, हमारी बातचीत केवल एकदूसरे को समझने तक ही सीमित है . मैं आपसे अभी कोई वादा नहीं कर सकता . मैं सिर्फ इतना चाहता हूँ कि हम दोनों मिलें, एक कप कॉफी पिएँ और थोडीशी बातचीत करें. आप क्या कहते हैं ?
4). उनकी दिलचस्पी को जॉचिए.
आपके लिए यह बहुत आवश्यक है, कि आप सकारात्मक नज़रिया रखनेवाले लोगों का ही चुनाव करें और जो साथ में सम्माननीय और महत्वकांक्षी हों. उन लोगों की तलाश कीजिए, जो खुले दिमाग से किसी अवसर की तलाश में हों. अगर आपका पॉस्पेक्ट अपने वर्तमान से संतुष्ट हो, तंग दिमाग का हो, और नकारात्मक नज़रिया रखता हो तो आप उसके साथ अपना भी समय वरवाद करेंगे, इस बात को परखने के लिए उनसे एकदो सवाल पूछिए और उनके प्रतिसाद का इंतज़ार कीजिए. वात को जारी रखना चाहिए या नहीं, यह पूरी तरह से उनके इसी प्रतिसाद पर निर्भर करता है. ज्यादातर लोग ऐसे सवालों का 'हाँ' या 'ना' में जवाब देते हैं या इसके अलावा वो कह सकते हैं, “हो सकता है.", "ये निर्भर करता है." में कह नहीं सकता." यदि आपके प्रॉस्पेक्ट का जवाव "हाँ" में मिलता है, तब आप अपने हावभाव को ऊंचा रखते हुए, आगे की बातचीत जारी रख सकते हैं.
परखने के लिए पूछे जानेवाले सवाल:
★"राज जी, मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ . अपने वर्तमान तरीके के अलावा, आमदनी के किसी और ज़रिये के बारे में,क्या आपने कभी खुले दिल से विचार किया है ?
★"राज जी, क्या आप आमदनी कमाने के और तरीकों को खुले दिमाग से देखना चाहेंगे या आप अपने वर्तमान हालातों से संतुष्ट हैं?
★ “राज जी, अपने वर्तमान व्यवसाय के अलावा, क्या आप अपनी आमदनी बढ़ाने के नए तरीकों की तलाश में हैं ?
★ "राज जी, क्या आप अपनी वर्तमान परिस्थिति से खुश हैं या अन्य विकल्पों को भी जानना चाहेंगे ?"
5). मुलाकात का समय निश्चित कीजिए.
जव व्यक्ति की दिलचस्पी के बारे में आप निश्चित हो जाएँ, तव मुलाकात का समय निर्धारित करके अपनी वात खत्म कीजिए. यह जाँच लीजिए, कि उस व्यक्ति के पास तव खाली समय होगा या नहीं और, कि उसकी मुलाकात का वादा पक्का है. इसके लिए सुझाव है, कि
उसे दो दिनों का विकल्प दीजिए और उनका सुविधाजनक दिन पूछिए. आप होम मिटिंग, ओपन मिटिंग, वनऑनबन का प्लान दिखाने था
'ओव्हरिव्हव के लिए मुलाकात का समय निश्चित कर सकते हैं. आप जब भी मुलाकात का समय निश्चित करें, तब उस व्यक्ति को पता
होना चाहिए, कि उन्होंने अपनी पत्नी/पति के साथ में प्लान देखना चाहिए ।
याद रखिए कि जहां तक हो सके, अपॉइंटमेंट एकदम पक्का होना चाहिए, वरना आपको कोई नहीं आया .. या “मुलाकात रद्द की गया. जैसी बातों के अनुभव से गुजरना पड़ सकता है. शायद..” “देखता हूँ, अगर हो सका तो .. या "म कोशिश। करूंगा.. सामान्यतः इस तरह की बातों का अर्थ होता है, “नहीं”. इसीलिए यह सलाह दी जाती है, कि इस तरह से निर्धारित मुलाकात को निश्चित मत मानिए. पॉस्पेक्टस को यह कहना चाहिए, कि वो वहाँ ज़रूर आएंगे, वशते कि कुछ अनचाहा न घट जाए. उन्हें बता दीजिए, कि अगर ऐसा कुछ हो जाता है, तब वो तुरंत आपको सूचित करें . यदि मुलाकात कुछ दिन बाद की हो, तो एकाध दिन पहले। अपॉइंटमेंट को फिर से पक्का कर लीजिए. आप उन्हें मिटिंग के एक दिन या कुछ घंटे पहले, फोन करके पूछ सकते हैं, कि उन्हें मिटिंग की जगह और समय ठीक से पता है या नहीं.
कुछ उदाहरण :
■ गज, अगले हफ्ते में तुम व्यस्त तो नहीं ? क्या हम लोग किसी दिन मिल सकते हैं ? मंगलवार और बुधवार की शाम को मैं खाली । हैं. क्या तुम उस दिन शाम को मिलने के लिए समय निकाल सकते हो ? (सकारात्मक जवाब मिलने पर) वढ़िया ! वैसे मेरी पत्नी भी मेरे । साथ होगी . तुम भी अपनी पत्नी को साथ ले आना, इसी बहाने उनकी मुलाकात भी हो जाएगी और मिलकर निर्णय लेने में सुविधा भी होगी. (यदि वो 'हाँ' कहते हैं). बहुत बढ़िया ! तो मंगलवार शाम को 7.00 बजे, ठीक है ना ?" (जगह निश्चित कर लीजिए) "राज, एक आखिरी बात . मैं जानता हूँ कि तुम वादे के पक्के हो, मगर किसी भी कारण वश तुम्हारा आना रद्द हो जाए, तो मुझे फोन करके तुरंत बता देना ...तो फिर मिलते हैं मंगलवार को . वाय."
★ राज, में गुरुवार शाम 7.00 बजे खाली हैं, क्या तुम मिल सकते हो ? (यदि वो 'हाँ' कहते हैं वढिया ! और हाँ, मेरी पत्नी भी मेरे यि होगा. अगर कोई दिक्कत न हो. तो क्या नाम भाभीजी को साथ में ला सकते हो? मुझे लगता है, कि उन्हें भी एक दुसरे से मिलना । चाहिए. (सकारात्मक जवाव मिलने पर) “हाँ यही ठीक रहेगा !" जरूरत हो तो मिलने की जगह भी बता दीजिए। राज. इसी । अपॉइंटमेंट के हिसाब से मैं अपना वाकी कार्यक्रम निश्चित कर रहा हूं. अगर किसी कारण वश तुम्हें मुलाकात को टालना पड़े, तो कृपया मुझे तुरंत फोन करके बता देना. वास्तव में इसी दिन मेरा एक और परिचित मुझसे समय माँग रहा था, मगर मन साचा पहले तुम से बात। कर लें. अगर समय रहते तुम्हारा फोन आ गया, तो मैं उसे बुला लूंगा या फिर, मैं गुरूवार शाम को 7.00 बजे तुम्हारा इंतजार करूंगा . ठीक है..? चलो मैं इसे निश्चित मानकर, अपनी आगे की योजना बनाता हूँ".
★ “राज, गुरुवार की शाम तुम क्या कर रहे हो ? (वो उस शाम खाली हैं) वढ़िया ! ऐसा करते हैं कि उस दिन मेरे घर आ जाओ, क्योंकि उस दिन एक सफल व्यक्ति मेरे घर पर आ रहे हैं. मेरे ख्याल से इस विषय को उन्हीं से समझना बेहतर होगा. उनका समय कीमती है, इसलिए हम ठीक 7.00 बजे शाम को वैठेगे. और हाँ राज, तुम अपनी पत्नी को भी साथ ले आना . मैं चाहता हूँ कि इसी बहाने उनकी भी आपस में मुलाकात हो जाएगी. वैसे भी, आपस में सलाह करके इस विषय में फैसला करना बेहतर होता है. ठीक है.. तो मुलाकात पक्की ?
(यदि वो हाँ कहे). अच्छा राज, किसी कारण यदि तुम नहीं आ सको, तो मुझे पहले ही फोन करके बता देना. ताकि मैं किसी और को बुलाकर इंतजाम कर सकें, ठीक है? तो फिर मिलते हैं, गुरूवार की शाम ठीक 7.00 बजे .