Tuesday, April 16, 2019

पांचवां चरण :कार्य

                     पांचवां चरण :कार्य

"बड़े शब्दों की संगत अच्छे कर्मों के साथ दुर्लभ ही दिखायी देती है."
                                                                                                                                        चार्लोट व्हिटन

कर्म के विना सभी इच्छाएं, सपने, लक्ष्य, योजनाएँ, प्रार्थनाएँ, और विश्वास खो जाते हैं. प्रयास ही प्रगति है. हर सक्षम व्यक्ति को इस
सवाल का जवाब देना ही पड़ता है, “क्या में अपने सपनों और लक्ष्यों से संबंधित कार्य करने के लिए वास्तव में गंभीर हूँ?" आपके मज़बूत और
लगातार प्रयासों के ही परिणाम आपके इच्छित लक्ष्यों में दिखायी देते हैं. 

         यदि एक बार आपके पास अपने सपनों को साकार करने की सक्षम योजना है, तब आपको अपनी योजना पर सावधानी से अमल करने के लिए, केवल एक पक्का निर्णय लेने की आवश्यकता है, लेकिन उससे भी पहले अपने आप से यह सवाल करना जरूरी है, कि आप अपने सपनों को। पूरा करने के लिए कितने गंभीर हैं. यदि आपका जवाब सकारात्मक है, तो आपको आगे बढ़कर योजना के अनुसार कार्य में जुट जाना चाहिए. यदि आप इस विजनेस को आधे मन से करते हैं, तब निश्चित ही आप इसे आधे रास्ते में छोड़ भी देंगे . 

       नीचे दी हुई कहानी, योजना और प्रबल इच्छा के महत्व को समझाती है. राज और प्रकाश दोनों ही अपने कॉलेज के सर्वश्रेष्ठ धावक थे. राज हमेशा प्रथम आता था, परंतु एक दिन वह हार गया . प्रतियोगिता के बाद राज ने प्रकाश के पास आकर कहा, “आज तो तुमने कमाल कर दिया. आज से पहले मैंने कभी तुम्हें इतना तेज़ दौड़ते हुए नहीं देखा. इसपर प्रकाश ने जवाब दिया, “ आज भी तुम हमेशा की तरह प्रथम स्थान पाने के लिए ही दौडे थे. पर मैं तो दौड़ा था स्कॉलरशीप के पैसों के लिए, ताकि में कॉलेज की फीस भर सकें. यह बात बिल्कुल स्पष्ट है, कि उस दिन की दौड़ में दोनों की इच्छाओं की तीव्रता और जुनून में फर्क था, जिसके साथ वो आगे बढ़े थे, बस इसी बात ने दौड़ के नतीजे में फर्क पैदा किया - 

              काम करना पहली जरूरत है. अमल किए बिना आप सफलता प्राप्त नहीं कर सकते . अपने लक्ष्य के लिए प्रतिवद्ध रहिए। प्रतिबद्धताओं के बिना जीवन में कुछ भी सार्थक हासिल नहीं किया जा सकता .

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चौथा चरण : विश्वास

                          चौथा चरण : विश्वास

"सफलता पाने से पहले हमें विश्वास होना चाहिए, कि हम यह कर सकते हैं."

                                                                                                                                     - माइकल कोरडा



           कहा गया है कि सफलता का सबसे कठिन हिस्सा होता है, आपका यह विश्वास कि आप सफल हो सकते हैं. आपका विश्वास ही आपकी सफलता को निश्चित करता है. अगर आपको विश्वास नहीं है, कि आप किसी विशेष काम को कर सकते हैं, तब उस काम के लिए आप पूरा प्रयास नहीं कर पाते . परिणाम स्वरूप आपको कभी भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते . विश्वास एक माध्यम है, इसलिए खुद पर विश्वास कीजिए और दूसरों पर भी विश्वास कीजिए. छोटा सा वाक्य में कर सकता हूँ !” वास्तव में एक शक्तिशाली वक्तव्य है , यह हमारे मन को मज़बूती देता है, क्योंकि यह हमारे इस विश्वास की स्वीकारोक्ति है, कि हम क्या कर सकते हैं. अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपको यह विश्वास होना ही चाहिए, कि आप सफलता पाकर रहेंगे. डॉक्टर डेविड श्वार्टज़ अपनी पुस्तक “बड़ी सोच का बड़ा जादू" (Magic of thinking BIG) में। कहते हैं कि “कामयाब तो हर आदमी होना चाहता है ... विश्वास और सफलता के संबंध में ज्ञान की सबसे उपयुक्त वात वाइवल में कही गई है, कि आस्था से तो पहाडों को भी हिलाया जा सकता है... याने आप विश्वास से पहाड़ को भी हिला सकते हैं. आप सफलता जरूर पाएँगे, अगर अपने अंदर सफल होने का विश्वास जगाएंगे. मज़बूत विश्वास मन को प्रेरणा देता है, राह दिखाता है, तरीका सुझाता है और उपाय भी अपनी सफलता के लिए आपको आश्वस्त देखकर, लोग भी आपमें अपना विश्वास जताने लगते हैं ... सफल होने का विश्वास एक ऐसा आधार है, जो सफल लोगों के व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा होता है."

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तीसरा चरण : योजना बनाना

                 तीसरा चरण : योजना बनाना 

जो योजना बनाने में विफल होता है, वो विफल होने की योजना बनाता है."
                                                       - एक कहावत


            पहले दो चरण, सपने और लक्ष्य, इस तीसरे चरण के लिए एक आवश्यक आधार का काम करते हैं. किसी भी चीज़ को हासिल करने की दिशा में बढ़ाया गया एक ठोस कदम है, योजना बनाना . योजना बनाए बिना, केवल सपने देखना, ख्याली पुलाव पकाने के समान होता है. किसी भी मंज़िल तक पहुँचने के लिए, वहाँ तक ले जाने वाले रास्तों का नक्शा पास में होना जरूरी होता है. योजना बनाने का मतलब है, अपने इच्छित लक्ष्य को पाने के लिए नक्शा तैयार करना . लक्ष्य पाने की बात को, तब तक सुनिश्चित नहीं किया जा सकता, जब तक एक योजना, काम की रूपरेखा और समयबध्द कार्यक्रम नियोजित न किया जाए.

           लोगों की विफलता का कारण यह नहीं, कि लोग विफल होने की योजना बनाते हैं; बल्कि वो योजना बनाने में विफल होते हैं. विशेषज्ञों का कहना है, कि हममें से ज्यादातर लोग अपनी छुट्टियों की योजना बनाने के लिए कहीं ज्यादा समय बिताते हैं, जबकि उतना अपने भविष्य के लिए नहीं बिताते . उचित योजना के बिना आपके सपने अधूरे ही रहने के लिए शापित हैं.

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