Monday, April 29, 2019

प्लान दिखाने के बाद फोलो अप कैसे किया जाए?

प्लान दिखाने के बाद फोलो अप कैसे किया जाए?


●  प्लान दिखाने के दौरान वक्ता सलाह देते हैं, कि उपस्थित मेहमानों ने आगे क्या करना चाहिए. इस तरह से भी सुझाव दिया जाता है, कि सभी मेहमान आमंत्रित करने वाले अपने मेजवान डिस्ट्रिव्युटर से जल्दी ही मिलें और आवश्यक हो तो अधिक जानकारी प्राप्त करें . इस तरह से हर  IBO द्वारा फ़ोलो अप किया जाता है

● प्लान पूरा होने के बाद अपने मेहमानों से कुछ सवाल पूछने ज़रूरी होते हैं.

उदाहरणार्थ:

★ वढ़िया है ना?

★ गज जी, जो पैसे आप कमाएँगे. उसे कहां ख़र्च करना चाहेंगे ?

★ इसमें आपको सबसे अच्छी और उत्साहित करनेवाली बात कौनसी लगी ?

★  प्लान तो कमाल का है, है ना?

★  क्या आपको हर बात समझ में आ गयी है ? वैसे तो इस प्लान को देखने के बाद कोई सवाल बाकी नहीं रहता . फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल वाकी हो, तो मैं उसका जवाब देने के लिए तैयार हूँ.

यह आपके लिए मददगार और बेहतर होगा कि आप अपने प्रॉस्पेक्ट को वक्ता या अपनी अपलाइन से मिलवाने ले जाइए और उन्हीं को बताने दीजिए, कि प्रॉस्पेक्ट को आगे क्या करना चाहिए .

●  हमेशा स्पीकर से मिलवाने के बाद और विदा करने से पहले, अपने मेहमान प्रॉस्पेक्ट्स के साथ फोलो अप के लिए अगली मुलाकात जरूर निश्चित कर लीजिए . मुलाकात निश्चित हो जाने के बाद उन्हें 'फोलो अप पॅक' ज़रूर दीजिए. उनको सुझाब दीजिए, कि अगली निश्चित मुलाकात के पहले, इस फोलो अप साहित्य का अध्ययन, हमारी आगे की बातचीत के लिए बहुत मददगार साबित होगा. आप उन्हें अभी से ही नामों की एक प्राथमिक सूची बनाने की सलाह भी दे सकते हैं. आप उनसे यह भी कह दीजिए, कि अगली मुलाकात के समय उन्हें यह फोलो अप पॅक आपको वापस लौटाना है.

●  मुलाकात का समय सुनिश्चित कर लीजिए. उन्हें पता होना चाहिए, कि आपका समय कितना कीमती है . उन्हें फिर से जता दीजिए, कि आप केवल भरोसेमंद व्यक्तियों के साथ ही काम करके उनकी सहायता करना चाहते हैं. उन्हें यह भी कह दीजिए, कि निर्धारित समय पर अगर वो किसी भी अनपेक्षित घटना के कारण मिल नहीं सकते, तब उन्होंने फोन द्वारा आपको पहले ही सूचित कर देना चाहिए, ताकि आप अपने उस समय का बेहतर उपयोग कर सकें .

●  अगर आपका कोई भी प्रॉस्पेक्ट यह कहते हुए मुलाकात के लिए मना कर देता है, कि मुझे इस विज़नेस में दिलचस्पी नहीं जानने की कोशिश कीजिए. उनसे बात करते समय या उनकी शंकाओं का जबाव देते समय आपको हमेशा सकारात्मक ही बने रहना चाहिए. इस बात की भी जाँच  कर लीजिए, कि इस स्थिति में वक्ता से कोई मदद मिल सकती है. इस स्थिति में "फील, फेल्ट, फाऊंडके सिद्धांत को अपनाइए, याने में आपकी भावना को समझता है. क्योंकि शुरूआत में मुझे भी ऐसा ही लगा था. लेकिन बाद में मने पाया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है..." अगर फिर भी आपको लगता है, कि वो दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, तव अपने हावभाव को ऊँचा बनाए रखिए, मगर भविष्य में उनके लिए इस विज़नेस में आने के दरवाज़ों को हमेशा खुला रखिए . तव आप उनसे ऐसे लोगों के नाम बताने के लिए भी कह सकते हैं, जिन्ह इस विजनेस में दिलचस्पी हो सकती है. (उदाहरण 4 कोई बात नहीं . आज आप विज़नेस नहीं करना चाहते, मगर आपक कुछ एसे दात हा सकते हैं, जिन्हें इस विज़नेस की ज़रूरत हो सकती है, क्या आप मुझे कुछ ऐसे नाम दे सकते हैं ?") जव भी ऐसी स्थिति आए, तव उन्हें अपने प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कीजिए, ग्राहक वनाइए. अधिकतर लोग जब विज़नेस के लिए मना कर देते हैं, तव बो किसी और कम लागत वाली बात के लिए मना नहीं करते . ऐसी बात करने से आपको एक अवसर मिलता है, जिसके कारण आप उनसे अपना रिश्ता तव तक कायम रख सकते हैं, जब तक वो इस विज़नेस में जुड़ने का निर्णय नहीं ले लेते .

फोलो अप मिटिंग के लिए विकल्प

★    प्रॉस्पेक्ट के घर पर एक व्यक्तिगत मुलाकात .

★    आपके घर पर एक व्यक्तिगत मुलाकात .

★     एक अन्य होम मिटिंग

★      टीम मिटिंग

★      सेमिनार और रैली

★      पॉडक्ट और सिस्टम की प्रशिक्षण मिटिंग

             "जब आप फोलो अप के लिए जितना जल्दी हो सके मुलाकात तय करने जाते हैं, प्रॉस्पेक्ट के घर में या आपके घर में, तब अगर संयोग से उसी सप्ताह में कोई अन्य समारोह आयोजित हो, तब आप उसमें भी उन्हें आमंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि ओपन मिटिंग (जहाँ उन्हें प्लान को दूसरी बार समझने का मौका मिलेगा), टीम मिटिंग (जहाँ वो आपकी टीम से मिल पाएँगे), किसी सेमिनार या रैली आदि में . चाहे जो हो मगर उनके साथ अपनी व्यक्तिगत मुलाकात को भी आपने तय करना चाहिए. अगर आप किसी भी कारण से उनके साथ प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं कर पा रहे हों, तब भी उनके साथ फोन पर संपर्क बनाए रखिए.

फोलो अप मिटिंग के लिए कुछ ज़रूरी सुझाव :

●  आपके अपलाइन लीडर भी फोलो अप मिटिंग में आपके साथ चल सकते हैं और अगर संभव हो तो माथ में अपने विशेष (वात माननेवाले
प्रॉस्पेक्ट को भी ले जाइए. 

● आप उनसे ऐसे सवाल पूछिए, जिनका जवाव सकारात्मक ही होता है, “क्या आपने सोचा है, कि इस विज़नेस से आनेवाली अतिरिक्त आमदनी को आप कहाँ खर्च करेंगे ?” “कुछ ऐसे लोगों के नाम आपके दिमाग में जरूर आए होंगे, जो इस विज़नेस में बहुत सफल हो सकते हैं, है ना?”

● यह कभी मत पूछिए, “क्या आप शामिल हो रहे हैं?” अथवा “क्या आपने अभी तक निर्णय ले लिया है ?” 

● अगर फोलो अप के दौरान लोग शंकाएँ उपस्थित करते हैं, तब आप “फील, फेल्ट, फाऊंड” का उपयोग करके उनकी शंकाओं का समाधान कीजिए. अगर लोग अपनी शंकाओं को प्रकट करते हैं, तब आप उन्हें बता सकते हैं, “हमारे पास इसके समाधान के लिए एक प्रोग्राम है." या “क्या बस यही एक रूकावट है, जो आपको विजनेस में आने से रोक रही है ?" किसी से भी बहस मत कीजिए (इसके लिए डेल कार्नेगी की किताब लोकव्यवहार को अवश्य पढ़िए).

● अपनी टीम में जडे नए डिस्ट्रिब्युटर्स के लिए शुरूआत में कुछ समय तक, उनके लिए फोलो अप का काम, आपने खुद करना चाहिए. मगर इस बात का ध्यान रखिए. कि इस दौरान वो भी आपके साथ रहकर, आपको फोलो अप करते देखें और सीखें, ताकि कछ दिनों बाद वो वह इस काम को कुशलतापूर्वक करना शुरू कर दें.

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चौथा आधारभूत कार्य : फोलो अप या फोलो थ्रू

चौथा आधारभूत कार्य :  फोलो अप या फोलो थ्रू
        सभी चरणों की तुलना में फोलो अप और फोलो थू की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि एक सफल और अच्छी आमदनी देने वाले इस बिज़नेस की शुरूआत करने का निर्णय अधिकतर प्रॉस्पेक्ट्स के द्वारा फोलो अप के बाद ही लिया जाता है . साधारणतः नए प्रॉस्पेक्ट द्वारा बिज़नेस में शामिल होने के बाद ही फोलो अप पूरा होता है. जब उन्होंने मार्केटिंग प्लान देख लिया  है, तब हमारा अगला कदम क्या होना चाहिए ? प्रॉस्पेक्ट की दिलचस्पी, उनकी व्यस्तता और अन्य चीज़ों पर यह निर्भर करता है. हमारा उददेश्य होना चाहिए, कि जिस व्यक्ति या दंपत्ति को मार्केटिंग प्लान दिखाया गया है, फोलो अप के लिए उनसे संभवतः जल्दी ही मिलें (48 घंटों के भीतर ही मिलना बेहतर है). तब तक बिज़नेस प्लान और उसके आँकड़े, उनके दिमाग में एकदम ताज़ा होते। हैं. इससे पहले कि अन्य लोगों से मिलकर, इस बिज़नेस के बारे में उन्हें नकारात्मक बातें सुनने का मौका मिले, हमें उनसे मिलकर उन तक सकारात्मक जानकारी पहुँचानी चाहिए. फोलो अप की प्रक्रिया कम समय में, एक-दो दिनों में ही पूरी होनी चाहिए, मगर कभीकभी यह कुछ दिन से लेकर कुछ सप्ताह तक भी चल सकती है। कई बार ऐसा होता है, कि आपको अपने परिपेक्ट के साथ कई महिनों या एकाध वर्ष तक फोलो यू करना पड़ सकता है. तब आपको उनसे घनिष्ठता वढ़ाकर, मित्रता करके और उनके सपनों को उभारकर, उन्हें नई जानकारियां देते रहना चाहिए. यह प्रक्रिया तव लक चलती है, जब तक सही वक्त न आ जाए या परिस्थितियां बदल जाएँ, ताकि वो विज़नेस में जुड़ने का निर्णय ले सकें .

फोलो अप के लिए कुछ सामान्य सुझाव :

● फोलो अप . प्लान ख़त्म होने के तुरंत बाद, अपने प्रॉस्पेक्ट से फोलो अप के लिए मुलाकात का समय निश्चित कीजिए. बेहतर होगा कि अगले 48 घंटों के भीतर ही फोलो अप को पूरा कर लीजिए.

● अपलाइन की मदद. फोलो अप का काम आप खुद भी कर सकते हैं या अपने स्पॉन्सर की या उस व्यक्ति की मदद भी ले सकते हैं, जिसने प्लान दिखाया है.

● दोस्ती कायम कीजिए. लोगों में सच्ची दिलचस्पी लेकर आप उनके साथ रिश्ता कायम कर सकते हैं, रिश्ता जितना गहरा होगा, उतना ही विश्वास और सम्मान आप जीत पाएंगे और उतना ही ज्यादा लोग आपकी बातें सुनने के लिए, आपकी बतायी राह पर चलने के लिए राजी होंगे.

● सपने जगाइए , याद रखिए कि इस बिज़नेस को करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है, लोगों के सपने . सपनों से ही उत्साह बढ़ता है और काम करने की इच्छा बलवती होती है. इसलिए उनके सपनों को समझने का, उन्हें जगाने का प्रयास कीजिए

● जानकारी दीजिए. बिना किसी ठोस जानकारी के, केवल हवा में कोई भी समझदारी भरा निर्णय नहीं ले सकता . बिजनेस की जानकारी होने से आपसी समझ बढ़ती हैं. आपसी समझ लोगों को तब ज्यादा आकर्षित करती है, जब वो इस विश्वास के साथ जड़ी हो, कि सपनों को हासिल किया जा सकता है.

फोलो अप के दौरान अक्सर सुनी जानेवाली संभावित आशंकाओं के लिए कुछ सटीक जवाव :

              सवालों का स्वागत कीजिए, क्योंकि वो उनकी दिलचस्पी की ओर इशारा करते हैं. लोगों की शंकाओं का सम्मान कीजिए. उनकी शंकाओं को खुले दिल से स्वीकार कीजिए और उनकी शंकाओं को ही उनके बिजनेस करने की वजह' में बदल दीजिए. लोगों के सवालों के जवाब देने के लिए "फील, फेल्ट, फाऊंड' के सिद्धांत को अपनाइए.

आपत्तियों के जवाब :

1) " मेरे पास समय नहीं है.”

                दरअसल इसी वजह को ध्यान में रखकर हमने आपसे इस बिज़नेस की बात की थी ..., क्योंकि इस बिज़नेस को सफलता पूर्वक अपेक्षातः कम समय लगाकर किया जा सकता है. समय के बहुगुणित होने के कारण यह बिज़नेस उन लोगों के लिए तो बहुत ही अच्छा है, जिनके पास काम करने के लिए कम समय होता है. इस बिज़नेस में बहुत से ऐसे लोगों ने सफलता हासिल की है, जिन्होंने अपने सीमित समय को इस बिज़नेस में बुध्दिमानी से लगाया था . वास्तव में देखा जाए, तो महत्वाकांक्षी लोगों के लिए लम्बे समय में, अधिक धन और समय कमाने का एक सुनहरा अवसर इस बिज़नेस में छुपा हुआ है.

2) "में तो ज्यादा लोगों को नहीं जानता."

                मान लिजिए कि एक व्यक्ति का नाम लिखने के लिए आपको 100 रूपए दिए जाएँ, तब आप कितने लोगों के नाम गिना सकते हैं ? ज्यादा लोगों को जानना इस बिजनेस के लिए बहुत अच्छा है . मगर इस बिज़नेस की विशेषता यही है, कि इसमें अगर आप ज्यादा लोगों को नहीं भी जानते, तब भी आप एक बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको इतना ही करना है, ऐसे कुछ लोगों की तलाश कीजिए, जिनकी पहचान ज्यादा लोगों के साथ है.

3) "भन तो सेल्समैन हूँ और न मैं वैसा काम कर सकता हूँ.”

            “फील, फेल्ट, फाऊंड' का उपयोग कीजिए. में आपकी बात को समझ सकता हैं. शुरूआत में मुझे भी ऐसा ही लगा था. लेकिन बाद में मैंने पाया, कि सौभाग्य से मेरी अपलाइन टीम इसके लिए मदद हेत आगे आती है, मुझे तो सेल्समैन की तरह काम करने की कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ी . हम विशेष तौर पर किसी सेल्समेन की तलाश नहीं करते . सभी तरह के लोग और व्यवसायी इस बिज़नेस में सफलता हासिल कर चुके हैं.

4) " में अपने परिवार का समय इसमें नहीं लगा सकता."

                आपने बहुत अच्छी बात कही . देखिए यह एक पारिवारिक विजनेस है. इस बिज़नेस को हम अपने परिवार के साथ मिलकर ही कर सकते हैं, इसलिए हमारे परिवार में आत्मीयता और बढ़ जाती है. अपने बच्चों के भविष्य की चिंता और परिवार के साथ अधिक समय बिताने की चाहत ही. इस विज़नेस को करने की सवसे बड़ी वजह बन सकती है.

5) " मेरे पास पैसे नहीं हैं.”

               इस विज़नेस को केवल नाममात्र धन के निवेश से ही शुरू करने किया जा सकता है. यदि आपके पास निवेश के लिए धन की कमी है, तब तो यह विज़नेस आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है. आपकी यही कमी, इस बिज़नेस को हर हालत में करने के लिए, आपकी सबसे बड़ी वजह बन सकती है.

6)  “यह तो संतृप्त (सतुरातए) होने जा रहा है. (याने कुछ ही समय बाद सभी लोग इसमें जुड़ चुके होंगे.)

         हर दिन जितने लोग एम्वे विज़नेस शुरू करते हैं, उससे कई गुना ज्यादा लोग 18 वर्ष की आयु में प्रवेश करते हैं. इस हिसाब से चाहे कितनी भी तेजी से हमारा विजनेस नेटवर्क बढ़ता रहे, वो बढ़ती आबादी की रफ्तार से पार नहीं पा सकता . इसलिए विज़नेस के संतृप्त होने की कोई संभावना ही नहीं. वैसे आप अपने करीबी दोस्तों को हंसकर यह जवाब भी दे सकते हैं, "एक बात तो निश्चित है यार, कि जब तक तुम बिज़नेस से जुड़ नहीं जाते, कम से कम तव तक इसके संतृप्त होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता .”

7).“यह मेरे लिए नहीं है.” या “यह चाय की प्याली मेरे लिए नहीं है."

            मैं  आपकी बात का मतलब समझ नहीं पाया . आखिर कौनसी बात आपके लिए नहीं है, धन कमाना या औरो की मदद करना ?

■         याद रखिए कि लोगों की शुरूआती आपत्तियाँ, एहतराज़ या विरोध, उनकी अधिक जानकारी न लेने की या बिज़नेस न करने की, असली वजह  नहीं होते . साधारणतः लोगों का असली एहतराज़ उनकी अपनी हैसियत या अपने डर की वजह से होता है. कुछ लोग अपनी कमज़ोर आत्मछवि के शिकार होते हैं या उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है. वास्तव में लोग केवल दो ही सवालों के जवाब पाना चाहते हैं, पहला,  “क्या यह बिज़नेस वास्तव में चलता है ?” और दूसरा, “क्या मैं भी इसमें सफल हो सकता हूँ ?” मगर लोग यह दोनों वास्तविक सवालों को कभी सीधे नहीं पूछते . हम कभी भी अवास्तविक सवालों के जवाब देकर, उन्हें उनके वास्तविक डर से मुक्त नहीं कर सकते . इसलिए हमें इन वास्तविक सवालों के जवाब ही देने चाहिए.

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प्लान दिखाने की रूपरेखा:

प्लान दिखाने की रूपरेखा:


1)    सहज वातावरण बनाइए

■ उन्हें वताइए, कि आप इस बिज़नेस से कैसे जुड़े

■  उन्हें इस मिटिंग का उद्देश्य बताइए

■  नेटवर्क मार्केटिंग के वार में बताइए

2)  सपनों का ज़िक्र कीजिए

  अपना घर      कार          बच्चों की शिक्षण व्यवस्था

          परिवार के लिए समय                कर्ज मुक्ति

          नौकरी से छुटकारा                    वल्र्ड टूर

             समाज सेवा के लिए दान।           मानसिक शांति .. इत्यादि .

3.           2-5  वर्षीय योजना
प्रॉस्पेक्ट को सहज वातावरण देने के बाद यह ज़रूरी है, कि आप उनसे इस विज़नेस के बारे में बातचीत शुरू करें 


पहला चरण                    शिक्क्ष
                                      प्लॅटिनम या रूबि के स्तर पर कैसे पहुंचा जा सकता है?



दूसरा चरण                   दोहराव
                                   डायमंड के स्तर पर कैसे पहुंचा                                     जा सकता है ?


इस विषय में बात करें:     40  वर्षीय पेंशन प्लान के बारे                                         में समझाइए



आश्वासन:    सफलता के लिए किसी प्रकार का निश्चित आश्वासन संभव नहीं है, क्योंकि किए गए प्रयास, मेहनत और लगाए गए समय पर सफलता निर्भर है, जो कि हर व्यक्ति के लिए अलगअलग हो सकते हैं.


4)   पैसा कहाँ से आता है ?

नेटवर्क मार्केटिंग बनाम परंपरागत विज़नेस के बारे में समझाइए


5)  पैसा कैसे कमाए ?

★ एमवे सेल्स एण्ड मार्केटिंग प्लान

★ इसे बताने में ज्यादा समय ना लें

★ कमाई के पहले तीन नियम समझाइए

★ चार स्टेप्स की मदद से सपने बुनिए

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ओपन मिटिंग

4).ओपन मिटिंग

              ओपेन मिटिंग में प्रॉस्पेक्ट के एक बड़े समूह को एक साथ, एक बड़े हॉल में आमंत्रित करके, व्यावसायिक तरीके से सेल्स आर मोकाटग प्लान दखाया जाता है, यह सामान्यतः किसो होटल या वई सभागृह में, किसी निचिन साप्ताहिक दिन, आयोजित की जाती है। इस पनि। इसलिए भी कहते हैं, क्योंकि इसमें विट संगठन में शामिल सभी समूहों के डिस्ट्रिब्युटर्स, खुले मन से भाग ले सकते हैं. साधारणतः इस आपन मिटिंग मकवल लटिनम या उनके ऊपर के स्तर पर पहुंचे सफल लीडर्स द्वारा ही प्लान दिखाया जाता है. इस 'ओपन मिटिंग में आप अपने नए पापक्ट का पहली बार प्लान दिलाने के लिए भी आमंत्रित कर सकते हैं, जिन्होंने होम मिटिंग, वनऑनवन मिटिंग या इस बिज़नेस का ओव्हरव्हिव देखा हो, उनके लिए दूसरा वार प्लान दिखाने के रूप में या फोलोअप के रूप में भी. 'ओपन मिटिंग' का उपयोग किया जा सकता है 

ओपन मिटिंग में लोगों को आमंत्रित करने के कुछ नुस्खे नीचे दिए गए हैं 

अ. ओपन मिटिंग के पहले :

★ इस मिटिंग के लिए अपनी अपॉइंटमेंट को पक्का कर लीजिए. अगर आपके प्रॉस्पेक्ट आमंत्रण के जवाब में कहते हैं, 'शायद ...'या में आने की कोशिश करूंगा ...'तो सामान्य तौर पर इसका मतलब होता है, कि वो 'नहीं' कहना चाहते हैं और वो नहीं आ पाएँगे .

★ आपको अपने प्रॉस्पेक्ट से पक्का वादा लेना होगा, कि वो वहाँ आएंगे और समय पर आएंगे.

★ विवाहित जोड़ा हो, तो पतिपत्नी दोनों को एक साथ मिटिंग में आने का आमंत्रण दीजिए.

★ ओपन मिटिंग के लिए बहुत दिन पहले से ही आमंत्रण देकर मत रखिए. यदि आप ऐसा कर भी लेते हैं, तव अपने प्रॉस्पेक्ट को मिटिंग के एक दिन पहले फोन करके, उनके आने की बात को पक्का कर लीजिए, वहतर होगा कि शाम को देरी से ही यह फोन कीजिए

★ अपने प्रॉम्पेक्ट को सुझाव दीजिए, कि वो मिटिंग शुरू होने से 14 मिनट पहले ही आपसे मिलें, जिससे आप उनकी मुलाकात अपने कर विज़नेस सहयोगियों से करवा सकते हैं.

ब. ओपन मिटिंग के दौरान:

★ यह एक व्यावसायिक बिजनेस मिटिंग होती है. इसीलिए डिस्ट्रिब्युटर्स को हमेशा व्यावसायिक लिबास पहन कहा जाना था पम्पिक्ट की भी वैसा ही लिवास पहनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. व्यावसायिक लिबास में हल्के रंग की और हो सके तो सफेद शर्ट, गहरे काले या नीले रंग की पेंट और लाल रंग मिश्रित टाई शामिल हैं.


★ सभागृह के बाहर खड़े होकर अपने मेहमान के लिए कभी भी इंतजार मत कीजिए. यह कोई व्यावसायिक तरीका नहीं माना जाता और इससे लगता है, कि आपको उनकी बहुत जरूरत है. उन्हें केवल सभागृह का नाम और पता बता दीजिए, जैसे "विट वल्र्ड वाइड हाल, सक्टर 17, वाशी" और वो इसे खुद ही ढूँढ लेंगे.

★ अपने पॉस्पेक्ट को सामने वाली पहली कतार में बिठाकर स्वयं भी उनके साथ वैठ जाइए.

★ प्रस्तुति के अंत में, आप उनसे कुछ ऐसा कहें जैसे, वढ़िया लगता है, है ना?'' फिर प्रॉस्पेक्ट को स्पीकर, अपनी अपलाइन या किसी सफल लीडर से मिलवाने ले जाइए.

★  ओपन मिटिंग होते ही बेहतर होगा, कि अपने प्रॉस्पेक्ट से फोलोअप के लिए 48 घंटों के पहले ही, फिर से मिलने का समय तय कीजिए और उसे अपनी विज़नेस डायरी में लिख लीजिए.

★ अपने प्रॉस्पेक्ट को अपलाइन द्वारा सुझाया गया, एक उपयुक्त 'फोलो अप पंक' दीजिए .

★ प्लान देखने के बाद, अपने प्रॉस्पेक्ट से ज्यादा समय तक बातें मत कीजिए. उनसे यह बात जानने की कोशिश कीजिए, कि क्या वो इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं. उन्हें आश्वासन दीजिए, कि हर बात के लिए एक उपयुक्त समय होता है. उन्हें 'फोलो अप पॅक' देकर तुरंत विदा कीजिए. याद रखिए कि सारी बातें एक ही मुलाकात में नहीं समझायी जा सकती .

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