चौथा चरण : विश्वास
"सफलता पाने से पहले हमें विश्वास होना चाहिए, कि हम यह कर सकते हैं."
- माइकल कोरडा
कहा गया है कि सफलता का सबसे कठिन हिस्सा होता है, आपका यह विश्वास कि आप सफल हो सकते हैं. आपका विश्वास ही आपकी सफलता को निश्चित करता है. अगर आपको विश्वास नहीं है, कि आप किसी विशेष काम को कर सकते हैं, तब उस काम के लिए आप पूरा प्रयास नहीं कर पाते . परिणाम स्वरूप आपको कभी भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते . विश्वास एक माध्यम है, इसलिए खुद पर विश्वास कीजिए और दूसरों पर भी विश्वास कीजिए. छोटा सा वाक्य में कर सकता हूँ !” वास्तव में एक शक्तिशाली वक्तव्य है , यह हमारे मन को मज़बूती देता है, क्योंकि यह हमारे इस विश्वास की स्वीकारोक्ति है, कि हम क्या कर सकते हैं. अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपको यह विश्वास होना ही चाहिए, कि आप सफलता पाकर रहेंगे. डॉक्टर डेविड श्वार्टज़ अपनी पुस्तक “बड़ी सोच का बड़ा जादू" (Magic of thinking BIG) में। कहते हैं कि “कामयाब तो हर आदमी होना चाहता है ... विश्वास और सफलता के संबंध में ज्ञान की सबसे उपयुक्त वात वाइवल में कही गई है, कि आस्था से तो पहाडों को भी हिलाया जा सकता है... याने आप विश्वास से पहाड़ को भी हिला सकते हैं. आप सफलता जरूर पाएँगे, अगर अपने अंदर सफल होने का विश्वास जगाएंगे. मज़बूत विश्वास मन को प्रेरणा देता है, राह दिखाता है, तरीका सुझाता है और उपाय भी अपनी सफलता के लिए आपको आश्वस्त देखकर, लोग भी आपमें अपना विश्वास जताने लगते हैं ... सफल होने का विश्वास एक ऐसा आधार है, जो सफल लोगों के व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा होता है."
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