तीसरा चरण : योजना बनाना
जो योजना बनाने में विफल होता है, वो विफल होने की योजना बनाता है."
- एक कहावत
पहले दो चरण, सपने और लक्ष्य, इस तीसरे चरण के लिए एक आवश्यक आधार का काम करते हैं. किसी भी चीज़ को हासिल करने की दिशा में बढ़ाया गया एक ठोस कदम है, योजना बनाना . योजना बनाए बिना, केवल सपने देखना, ख्याली पुलाव पकाने के समान होता है. किसी भी मंज़िल तक पहुँचने के लिए, वहाँ तक ले जाने वाले रास्तों का नक्शा पास में होना जरूरी होता है. योजना बनाने का मतलब है, अपने इच्छित लक्ष्य को पाने के लिए नक्शा तैयार करना . लक्ष्य पाने की बात को, तब तक सुनिश्चित नहीं किया जा सकता, जब तक एक योजना, काम की रूपरेखा और समयबध्द कार्यक्रम नियोजित न किया जाए.
लोगों की विफलता का कारण यह नहीं, कि लोग विफल होने की योजना बनाते हैं; बल्कि वो योजना बनाने में विफल होते हैं. विशेषज्ञों का कहना है, कि हममें से ज्यादातर लोग अपनी छुट्टियों की योजना बनाने के लिए कहीं ज्यादा समय बिताते हैं, जबकि उतना अपने भविष्य के लिए नहीं बिताते . उचित योजना के बिना आपके सपने अधूरे ही रहने के लिए शापित हैं.
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